तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर
हमें क्या मालूम अगले मोड़ पर वो फ़िर मिल जाएंगे, जिन्हे भुलाने में वर्षों लग गए हमें। हमें क्या मालूम अगले मोड़ पर वो फ़िर मिल जाएंगे, जिन्हे भुलाने में वर्षों लग गए...
मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है , मेरे लिए बस तेरी एक मुस्कान ही काफी है , तेरे होने का एक एहसास ही काफी है ,
मेरे सपनों का प्यार कुछ ऐसा होता जो मेरे जिस्म को नहीं रूह को संवारता, मेरे सपनों का प्यार कुछ ऐसा होता जो मेरे जिस्म को नहीं रूह को संवारता,
परिंदा मेरे मन का छटपटाता उड़ने को प्रयास लम्बी उड़ान के लिए अधूरी लालसा लिए लौट परिंदा मेरे मन का छटपटाता उड़ने को प्रयास लम्बी उड़ान के लिए अधूरी...
वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार। वही मेरे जीवन का आधार मेरी बेटी मेरा श्रवण कुमार।